tag:blogger.com,1999:blog-315022175204969986.post5598208360033376701..comments2023-06-01T17:12:26.238+05:45Comments on निरु संसार: गजल ३६: तिमीलाई तिर्खा लागे मेरो घाँटी सुक्छ बाबुNirmalahttp://www.blogger.com/profile/05000156851155481942noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-315022175204969986.post-49390918526156665352011-12-23T03:42:05.685+05:452011-12-23T03:42:05.685+05:45लु म त यता आएकै रहेनछु। निरु संसारले संसारै अनुभव ...लु म त यता आएकै रहेनछु। निरु संसारले संसारै अनुभव बाडेको रहेछ। ढिला गरि आए पनि सबै बिस्तारै पढ्दै छु। साह्रै सुन्दर रचाना रहेछ यो।<br />परिश्रम गरौं यहीं फल्छ सुन यही धर्तीमा<br />तिमी साथ भयौ भने सबै दु:ख लुक्छ बाबु।।<br /><br />मन छोयो मेरोदूर्जेय चेतनाhttps://www.blogger.com/profile/17194392784429305908noreply@blogger.com